चीनी भी इसी अंदाज में खाता हूँ पर आज कल चीनी का चस्का छूट गया है ,साँस ही ज्यादा याद आ रहा है .
Tuesday, September 28, 2010
टोमेटो केच अप और चीनी
टोमेटो केच अप और चीनी खाने का चस्का वैसे तो पुराना है पर आज कल इस आदत ने जोर पकड़ रखा है . एक कटोरी उठा लेता हूँ फिर मम्मी से साँस माँगता हूँ . फिर उसे कमरे में लाकर खाता हूँ , खतम होने पर फिर किचेन में पहुच कर मम्मी से मांगता हूँ . मम्मी परेशान हो कर मना कर देती है तो पापा से फ़रियाद होती है , पापा एक बार दे देते है , दुबारा माँगने पर परेशान हो जाते है . आज कल इतना साँस खा रहा हूँ की पोटी का रंग भी लाल हो जा रहा है , पर दिल है की मानता नहीं . जब भी याद आता है साँस खाने के लिए कटोरी उठा लेता हूँ .
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9 comments:
Welcome to the Blog world. Your blog is very cute and lovely. All the best.
Please do visit my blog too.
Regards
Chandar Meher
lifemazedar.blogspot.com
kvkrewa.blogspot.com
Madhav ji,
Bhai apka blog to bahut sundar aur pyara hai --utna hee sundar jitane ap hain.Ab to apse milne barabar apke blog par atee rahoongi.
shubh asheesh.
Poonam
Welcome. Khoob khao khoob pachao. nabh me ek din chhaa jaao.
आपकी टिप्पणियाँ अक्सर पढ़ने को मिलती थी, आज ब्लॉग पोस्ट भी पढ़ लिया, ऐसे ही लिखते रहें और अपनी सकारात्मक सोच से हिंदी ब्लोगिंग को दिशा दें, शुभकामनाएं !
बहुत अच्छा प्रयास है
शुभकामनांऐ
Ab to ek din apke ghar dhava bolna hee padega---are bhai mujhe bhee sos khane ka bahut shauk hai.
Apse mulakat bhee kar loonga isi bahane.
Hemant
अरे वाह क्या बात है...पर बेटा ज्यादा सॉस भी नहीं खाना चाहिए..खूब फल और सलाद भी खाया करो
सभी को कमेन्ट देने के लिए धन्यवाद
वैसे मेरे प्रमुख ब्लोग पर भी पधारे जो की निम्लिखीत है
http://madhavrai.blogspot.com/
बहुत अच्छा प्रयास है|
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